Maa Durga Ki Pooja Vidhi , Kanya Poojan Kaise Kare

Maa Durga Ki Pooja Vidhi , Kanya Poojan Kaise Kare

maa_durga_ki_pooja_vidhi

Maa Durga Ki Pooja 

प्रथम दिन सम्पूर्ण विधि से पाठ प्रारम्भ करें । दूसरे दिन से सामान्य रूप में धूप , दीप प्रज्ज्वलित कर Maa Durga Ki Pooja कर पाठ करें । प्रातः स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण कर , मस्तक पर मंगल तिलक लगाकर , पूजन सामग्री , कलश , Maa Durga Ki प्रतिमा , जल का पात्र आदि रख , साधक सर्वप्रथम पृथ्वी , अपने ऊपर तथा सामग्री पर जल का छींटा दें । शुद्ध आसन पर बैठ जल से 3 आचमन करें । घी का दीपक जलायें । धूपबत्ती , अगरबत्ती आदि प्रज्ज्वलित करें । अपने सम्मुख पुस्तक रख गधादि से पूजन करें । हाथ में जल , पुष्प लेकर संकल्प करें 

ॐ तत् सत् विष्णुः विष्णुः परमात्मने नमः । अद्य अमुक नाम अहम् श्री दुर्गा प्रीत्यर्थम् गणेशादि पूजनं दुर्गा पाठं च करिष्ये । हाथ का जल पुष्प कलश के पास छोड़ दें ।

श्री गणेश पूजन :- ( ओं श्री गणेशायः नमः ) का उच्चारण कर गणेश जी पर रोली का छींटा , फूल चावल आदि चढ़ावें । 

दीप पूजन :- ॐ दीपाय नमः कहकर घी के दीपक को अपने सम्मुख बायीं ओर देवी का रूप माने हुए चावलों पर रख दें । दीपक के समीप धूप आदि रखें । 

कलश पूजन :- Maa Durga Ki Pooja में विशेष रूप से कलश स्थापन करें तथा अष्टमी या नवमी को कलशका जल प्रवाहित करें । कलश ( घड़ा ) या लोटे में जल भर अपने सम्मुख बायीं ओर रख ॐ वरुणाय नमः कहकर कलावा बांधे , रोली का छींटा दें तथा पुष्प चावल आदि अर्पित करें । कलश के ऊपर नारियल रखें । निम्न देवताओं का नाम उच्चारण कर रोली का छींटा , पुष्प , चावल समर्पित करें । 

ॐ ओंकाराय नमः । 

ॐ ब्रह्मणे नमः । 

ॐ विष्णवे नमः । 

ॐ शिवाय नमः । 

ॐ लक्ष्म्यै नमः । 

ॐ वास्तु पुरुषाय नमः । 

ॐ योगिनीभ्य नमः । 

ॐ षोडश मातृभ्यो नमः । 

ॐ नवग्रहेभ्य नमः । 

भैरव - पूजन :- ॐ भैरवाय नमः उच्चारण भैरव जी को धूप , दीप , पुष्प प्रसाद आदि समर्पित करें ।

Maa Durga Ki Pooja Vidhi

कलश के समीप Maa Durga Ki तस्वीर को रख Maa Durga का ध्यान करते हुए पुष्प छोड़कर आवाहन करें । एक पात्र में जल , दूध , दही , शहद , चीनी आदि स्नान के लिये अर्पित करें तथा पाठ के अन्त में चरणामृत के रूप में ग्रहण करें । 

ॐ दुर्गायै नमः स्नानं समर्पयामि । 

वस्त्र - देवी को वस्त्र चुनी समर्पित करें । 

ॐ दुर्गायै नमः वस्त्रं समर्पयामि । फूल या फूलमाला अर्पित करें । 

ॐ दुर्गायै नमः पुष्प मालां समर्पयामि । 

धूप - श्री दुर्गायै नमः । 

ध्यान धूप - धूप अर्पित करें । 

दीपं दर्शयामि दीपक दिखाये । 

ज्योति- ( ज्योत ) आग पर घी से अथवा धूपबत्ती का पात्र बनाकर , उसमें कपूर को प्रज्ज्वलित कर ज्योति ( ज्योत ) जलाकर लोंग जायफल आदि अर्पित करें । 

श्री दुर्गायै नमः । 

नैवेद्य - श्री दुर्गायै नम : नैवेद्यं समर्पयामि , प्रसाद अर्पित करें । 

फल - श्री दुर्गायै नमः फलं समर्पयामि फल चढ़ावें । 

दक्षिणा - श्री दुर्गायै नमः दक्षिणां समर्पयामि दक्षिणा चढ़ावें । 

क्षमा - हाथ जोड़कर प्रार्थना करें - हे देवि ! मैंने जो आप की भक्ति में कुछ गलती की हो तो कृपया मुझे क्षमा दान देना और मुझ पर अपनी कृपा बरसाए । तत्पश्चात् Maa Durga का ध्यान करते हुए पाठ प्रारम्भ करें पाठ मंद स्वर से मन और हृदय को Maa Durga के चरणों में स्थिर रखकर करें । यदि सात दिन में पाठ पूरा करने में असमर्थ हों तो प्रथम दिन कवच अर्गला कीलक के पश्चात् मध्यम चरित्र ( अध्याय दो से अध्याय चार तक ) तथा दूसरे दिन प्रथम चरित्र ( पहला अध्याय ) तथा उत्तर चरित्र ( अध्याय पाँच से अध्याय तेरह तक ) करें । 

यदि नवरात्र के सात दिनों में केवल एक पाठ करने की सामर्थ्य हो तो प्रथम दिन पहला अध्याय , दूसरे दिन दूसरा तीसरा ( 2 अध्याय ) , तीसरे दिन चौथा अध्याय , चौथे दिन पाँचवा छटा सातवाँ आठवाँ ) ( 4 अध्याय ) , पाँचवे दिन नवाँ दसवाँ ( 2 अध्याय ) छठे दिन ग्यारहवाँ ( 1 अध्याय ) , सातवें दिन बारहवाँ तेरहवाँ ( 2 अध्याय ) का पाठ करने से फल की प्राप्ति होती है । 

प्रतिदिन पाठ की समाप्ति पर Maa Durga की आरती कर चरणामृत तथा प्रसाद वितरण करें । 

Kanya Poojan Kaise Kare

Maa Durga जी के भक्तों को Maa Durga जी की अतिशय प्रसन्नता के लिये नवरात्रि में अष्टमी अथवा नवमी को कुमारी कन्याओं को अवश्य खिलाना चाहिये । इन कुमारियों की संख्या 9 हो तो अत्युत्तम , शक्ति न होने पर दो ही सही । किन्तु भोजन करने वाली कन्यायें 2 वर्ष से कम तथा 10 वर्ष से ऊपर नहीं होनी चाहिये ।

दो वर्ष की कन्या कुमारी , 

तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति , 

चार वर्ष की कल्याणी , 

पाँच वर्ष की रोहिणी 

छ : वर्ष की कालिका , 

सात वर्ष की चण्डिका , 

आठ वर्ष की शाम्भवी , 

नौ वर्ष की दुर्गा 

तथा दस वर्ष की कन्या सुभद्रा 

के समान मानी जाती है । 

क्रमश : इन सब कुमारियों के नमस्कार मंत्र ये हैं-

1. कुमार्यै नमः , 

2. त्रिमूत्यै नमः , 

3. कल्याण्यै नमः , 

4. रोहिण्यै नमः , 

5. कालिकायै नमः , 

6. चण्डिकायै नमः , 

7. शाम्भव्यै नमः , 

8. दुर्गायै नमः , 

9. सुभद्रायै नमः । 

कुमारियों में हीनांगी , अधिकांगी , कुरूपा न होनी चाहिये । पूजन करने के बाद जब कुमारी देवी भोजन कर लें तो उनसे अपने सिर पर अक्षत छुड़वायें और उन्हें दक्षिणा दें । इस तरह करने पर महामाया Maa Durga अत्यन्त प्रसन्न होकर मनोरथ पूर्ण कर देती हैं ।


Post a Comment

0 Comments