सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को करें प्रसन्न

सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को करें प्रसन्न



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देवो के देव महादेव का महीना 6जुलाई, 2020 से शुरू हो गया है। कहा जाता है कि अगर सावन के महीने में भगवान शिव प्रसन्न हो जाए तो हर मनोकामना को पूरा करते है। पुराणों में भी इस बात को बताया गया है कि सारे महीनों की अपेक्षा सावन के महीने में भगवान शिव की 

आराधना करने से महादेव ज्यादा प्रसन्न होते हैं। इस पावन महीने के लिए शिवपुराण में कई एसे मंत्रो को दिया गया है जिनका जाप करने से महादेव प्रसन्न होते है और ये मंत्र मानव कल्याण के लिए भी बहुत प्रभावी हैं। सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए इस महीने की कुछ खास बातें होती हैं जिनको जानना बहुत जरूरी होता है। 

सावन के महीने में भूलकर भी न पहनें इस रंग के कपड़े

सावन के महीने में कुछ चीजों पर रोक होती है। इस महीने में पहने जाने वाले कपड़ों को लेकर भी कई तरह की मनाही होती है। बताते है कि सावन के महीने में कभी भी कुछ रंगों को नहीं पहनना चाहिए।

सावन का महीना भगवान शिव का पावन महीना कहलाता है। हिंदू धर्म के अनुसार सावन के महीने में पूजा के कई सारे नियम होते है। अगर आप इनमें गलती करते है तो भगवान शिव आपसे बहुत जल्दी नाराज हो जाते हैं। 

शास्त्रों के मुताबिक लाल रंग को किसी भी पूजा में पहनना खुशियां और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है वहीं सावन के महीने मे हरे रंग का अरना अलग महत्व होता है। इसलिए इस महीने में सारे रंगों को किनारे करके हरे और लाल रंग को अपनी प्राथमिकता में रखें।

सावन के महीने में कभी भी काला, खाकी, और भूरे रंग के कपड़ो को न पहनें। ये कपड़े पहन कर अगर आप पूजा करते हैं तो भगवान शिव नाराज हो जाते है और आपको पूजा का फल नहीं मिलता है। ध्यान रखें कि जब भी पूजा के लिए जाएं तो इन तीन रंगों के कपड़ों को पूरी तरह से नकारें।

भगवान शिव की पूजा में काले रंग को इसलिए अशुभ माना जाता है क्योंकि भगवान शिव को काला रंग बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इस रंग को देखते ही महादेव क्रोधित हो जाते हैं। यदि आप शिव के प्रकोप से बचना चाहते हैं या फिर उनकी कृपा पाना चाहते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा करते समय काले कपड़ों को न पहनें।

कहा जाता है कि महादेव भगवान एक योगी थे और उन्हें प्रकृति की सुंदरता के बीच ध्यान में बैठना बहुत ही पसंद था। हरा रंग पहनने से भी महादेव प्रसन्न होते हैं इसलिए महिलाएं सावन के महीने में सिर्फ एक नहीं बल्कि कई कारणों से हरा रंग पहनती हैं।

भगवान शिव को करें प्रसन्न

इस धरती पर भगवान शिव जैसा कृपालु, दयालु कोई दूसरा देव नहीं है। जल, दूध, वेलपत्र, प्रणाम मात्र से ही ये प्रसन्न होकर मनवांछित फल दे देते हैं। यद्यपि स्वयं अभाव में, फकीरी में रहते हैं लेकिन भक्तों के अभाव और कष्टों को हर लेते हैं। 

भगवान् शिव को महाकाल भी कहा जाता है। संहार करने वाला, विध्वंश करने वाला भी कहा जाता है। इसे समझने की आवश्यकता है। व्रह्मा जी जन्म देते हैं, भगवान विष्णु पालन करते हैं, भगवान शिव मिटाते हैं। विध्वंश भी तो सृजन का ही हिस्सा है। 

चीजें ना मिटेंगी तो नयी प्रगट कैसे होंगी ? मृत्यु भी तो जन्म का ही हिस्सा है।पुरानी चीजें अगर ना मिटेंगी तो प्रकृति में नवीनता ना रह पायेगी ? मिटने के स्वभाव के कारण ही हर चीज पुनः नई लगने लगती है। शिव सृजन के लिए ही विध्वंश करते हैं। श्रावण मास में शिवजी को जल जरूर चढ़ाएं, दुग्धाभिषेक करें। ये श्रावण आपको प्रभु चरणों में श्रद्धा और विश्वास देने वाला हो।

भगवान शिव का मंत्र सहित जल से अभिषेक करें

हर तरह के दुखों से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव का जल से अभिषेक करें, भगवान शिव के बाल स्वरूप का मानसिक ध्यान करें

ताम्बे के पात्र में 'शुद्ध जल' भर कर पात्र पर कुमकुम का तिलक करें
ॐ इन्द्राय नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें
पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें

शिवलिंग पर जल की पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें
अभिषेक करेत हुए ॐ तं त्रिलोकीनाथाय स्वाहा मंत्र का जाप करें
शिवलिंग को वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें

भगवान शिव का मंत्र सहित दूध से अभिषेक करें

शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करें

भगवान शिव के 'प्रकाशमय' स्वरूप का मानसिक ध्यान करें
ताम्बे के पात्र में 'दूध' भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें
ॐ श्री कामधेनवे नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें
पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय' का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें
शिवलिंग पर दूध की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें.
अभिषेक करते हुए ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नम: मंत्र का जाप करें
शिवलिंग को साफ जल से धो कर वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें

भगवान शिव का मंत्र सहित फलों के रस से अभिषेक करें

अखंड धन लाभ व हर तरह के कर्ज से मुक्ति के लिए भगवान शिव का फलों के रस से अभिषेक करें

भगवान शिव के 'नील कंठ' स्वरूप का मानसिक ध्यान करें
ताम्बे के पात्र में 'गन्ने का रस' भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें
ॐ कुबेराय नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें
पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें
शिवलिंग पर फलों का रस की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें
अभिषेक करते हुए -ॐ ह्रुं नीलकंठाय स्वाहा मंत्र का जाप करें
शिवलिंग पर स्वच्छ जल से भी अभिषेक करें

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