अमृत वाणी, जीवन में सफल होना है तो जानिए कुछ बातें
=> इस संसार में घृणा को घृणा के द्वारा नहीं रोका जा सकता, प्रेम के द्वारा ही उसका विरोध होता है, यह सनातन नियम है/
=> धन से ज्ञान बड़ा है, क्योंकि धन को हम सुरक्षित रखते हैं, और ज्ञान हमें सुरक्षित रखता है/
=> बिना खुद चले मंजिल तक पहुंच जाओ ऐसा संभव नहीं, आपको प्रयास करना पड़ेगा, गुरु आपको दिशा देगा, गति देगा, कहीं भटक रहे होंगे तो संभाल लेगा, परंतु चलना स्वयं को पड़ता है/
=> बुद्धिमान मनुष्य अपने अनुभवों से सीखता है, अधिक बुद्धिमान दूसरों के अनुभव से सीखता है/
=> जो अपने सेवक को अपना भेद देता है, वह अपने सेवक को अपना स्वामी बनाता है/
=> चिंतामग्न रहना एक अभिशाप है, परिस्थितियों को काबू करने की कला सीखे, स्वयं को रचनात्मक कार्यों में लगाएं तो जीवन आपको भूल नहीं लगेगा/
=> दूसरों की गलतियों से सीखें, अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने से तुम्हारी आयु कम पड़ जाएगी/
=> अगर कोई सांप जहरीला नहीं है, तब भी उसे पुकारना नहीं छोड़ना चाहिए, उसी तरह से कमजोर व्यक्ति को भी हर वक्त अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए/
=> जो स्वच्छ कपड़े नहीं पहनता है, जिसके दांत साफ नहीं है, जो बहुत खाता है, जो कठोर शब्द बोलता है, जो सूर्योदय के बाद उठता है, उसका कितना भी बड़ा व्यक्तित्व क्यों न हो वह लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह जाता है/
=> एक व्यक्ति को चारों वेद और सभी धर्म शास्त्रों का ज्ञान है, लेकिन उसे यदि अपनी आत्मा की अनुभूति नहीं हुई है, तो वह उसी चमचे थे समान है जिसने अनेक पकवान हिलाए, लेकिन किसी का स्वाद नहीं चखा/
=> जो बीत गया सो बीत गया, अपने हाथ से कोई गलत काम हो गया हो, तो उसकी चिंता छोड़ते हुए वर्तमान को सही तरीके से जी कर भविष्य को संवारना चाहिए/
=> कांटो से और दुष्ट लोगों से बचने के दो उपाय हैं, पैर में जूते पहनो और उन्हें इतना शर्मसार करो कि वह अपना सर उठा ले सके और आप से दूर रहें/
=> जिसके साथ बात करने से ही खुशी दोगुनी और दुख आधा हो जाए, वही अपना है बाकी तो सब दुनिया है/
=> किसी से उम्मीद किए बिना ही उसका अच्छा करो, क्योंकि किसी ने कहा है कि- जो फूल बेचते हैं उनके हाथ में खुश्बू अक्सर रह जाती है/
=> कामयाब होने के लिए अच्छे मित्रों की जरूरत होती है, और ज्यादा कामयाब होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्यकता होती है/
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